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आधार महिला शक्ति संघटना और वामा महिला सुरक्षा दल ने किया आंदोलन..
गोंदिया। 12 अगस्त
शहर के बीचों बीच जिला न्यायालय एवं प्रशासकीय इमारत के बीच से गुजरती सड़क पर खुलेआम लघुशंका (मूत्र दान) कर सभ्य संस्कृति को दागदार करने असभ्यकृत व्यक्तियों के विरुद्ध में आखिरकार महिलाओं को सामने आना पड़ा।
कितनी शोकांतिका की बात है कि एक असभ्य कृति में सुधार के लिए नारीशक्ति को पहल करने पड़ रही है। आज आधार महिला संघटना एवं वामा महिला सुरक्षा दल की महिलाओं को मज़बूरवश सड़क पर उतरकर, मुँह पर कपड़ा रखकर आंदोलन करना पड़ा।
महिला सँगठना की महिलाओं ने कहा, पूरे शहर में गंदगी का आलम है। शहर में किसी को स्वास्थ्य कें प्रति परवाह नही है। न्यायालय परिसर व प्रशासकीय इमारत के बीच सड़क पर खुलेआम नागरिक पेशाब करते है। मूत्रदान से पूरे परिसर में बदबू का आलम है। ये असभ्य लोग महिलाओ के गुजरते हुए भी मूत्रदान करने से हिचकते नही, ये निंदनीय है।
महिलाओं के इस संदर्भ में प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लेकर आज 12 अगस्त को आधार महिला शक्ति संघटना और वामा महिला सुरक्षा दल की महिलाओं ने उस सड़क पर आंदोलन कर जिला प्रशासन, नगर प्रशासन व पुलिस विभाग का ध्यान केन्द्रित कर आवाज बुलंद की।
इस समस्या का जल्द समाधान करने के लिए एक निवेदन उपविभागीय अधिकारी, पुलिस प्रशासन और नगर परिषद को भी दिया। उन्होंने ये भी मांग की है कि प्रशासकीय बिल्डिंग के अंदर बनें नए शौचालय का रास्ता बाहर से खोला जाय, ताकि सुविधा सुलभ हो।
इस आंदोलन में सौ. भावना कदम, पूजा तिवारी के नेतृत्व में एड मेघा रहांगडाले, एड. दर्शाना रामटेके, शिल्पा पटले, सरोज पांडे, रसिका पटोले, सारिका सोनी, रंजीता कनौजिया, भाविका जैन, हेमलता पटोले, रंजना मेश्राम, पूजा जायसवाल, गौरी शर्मा, वैशाली चंदेल, रितु मंडल, चंदा मिश्रा, रमा मिश्रा, संगीता बेलगे, कौशल्या खदवानी, विजेता बहेकर सहित अनेक महिलाओ ने हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि जिस परिसर व जगह पर मूत्र विस्तारण किया जा रहा है उस परिसर में पुरातत्व कालीन ग्राम देवता हैं और इस परिसर में नागरिक गंदगी न करे ऐसी दीवाल पेंटिग की है तथा दीवाल पर भी लिखकर अपील भी की है। बावजूद लोगो में सुधार नही आ रहा है। अगर जल्द समाधान न हुआ तो महिलाएं तीव्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगी।